News


 
HomeNationalसरकारी जांच में गलत जानकारी/बयान देना कितना गंभीर अपराध है, पढ़िए / ABOUT IPC
सरकारी जांच में गलत जानकारी/बयान देना कितना गंभीर अपराध है, पढ़िए / ABOUT IPC
Bhopal SamacharJuly 19, 2020

कोई भी शासकीय अधिकारी आपने कर्तव्यों का पालन विधि के नियमों के अनुसार कर रहा है ऐसे में हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि उन अधिकारियों की सहायता करें एवं जो भी सही जानकारी हो उनको बताए। पर कुछ व्यक्ति जानबूझकर सही जानकारी का लोप (छिपा लेना) कर देते है, जिससे अपराधी या कोई व्यक्ति बच जाता है। जो व्यक्ति लोकसेवक के विधिक कर्त्तव्यों के दौरान जानबूझकर गलत जानकारी देगा या सही जानकारी छुपायेगा वह व्यक्ति भी अपराधी होता है जानिए।


 

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 187 की परिभाषा:-
अगर कोई लोकसेवक विधि द्वारा बंधे किसी कर्तव्यों का पालन करते हुए कोई कार्य को कर रहा है। या किसी वैध जाँच कर रहा है। तब कोई व्यक्ति उस अधिकारी की जानबूझकर सहायता नही करता या सही जानकारी छुपाता हैं तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 187 के अंतर्गत दोषी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860की धारा 187 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते है। एवं यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते है। इनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है। सजा:- इस अपराध की सजा को दो भागों में बाँटा गया है।

1. कोई भी सरकारी अधिकारी की जानबूझकर कर सहायता से मना करना या सही जानकारी छुपाना - एक माह की कारावास या दो सौ रूपये जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
2. आदेश निष्पादन या अपराधों के निवारण में जानबूझकर कर सहायता न करना - छह माह की कारावास या पांच सौ रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

Comments

Popular Posts